HAL को अगले हफ्ते मिलेगा 5वां F404 इंजन, तेजस Mk1A के प्रोडक्शन की रफ्तार होगी तेज

HAL को अगले हफ्ते मिलेगा 5वां F404 इंजन, तेजस Mk1A के प्रोडक्शन की रफ्तार होगी तेज


भारतीय वायु सेना के स्वदेशी फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दिसंबर 2025 के दूसरे हफ्ते में जनरल इलेक्ट्रिक (GE) की तरफ से पांचवां F404-IN20 इंजन मिलने वाला है। यह इंजन बेंगलुरु स्थित फैसिलिटी में पहुंचेगा।

इस नई डिलीवरी से यह साफ हो गया है कि अमेरिका की कंपनी GE एयरोस्पेस ने अपनी सप्लाई तेज कर दी है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि HAL अब तेजस Mk1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के निर्माण की रफ्तार बढ़ा सकेगा।

उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक कुल 12 इंजन भारत आ जाएंगे, जिससे वायु सेना 2026 की शुरुआत तक अपनी पहली पूरी स्क्वाड्रन तैयार कर सकेगी।

तेजस Mk1A प्रोजेक्ट के लिए F404-IN20 इंजन की डिलीवरी किसी संजीवनी से कम नहीं है।

पिछले दो सालों में ग्लोबल सप्लाई चेन में आई रुकावटों और अमेरिका के न्यू हैंपशायर में GE की प्रोडक्शन लाइन के बंद होने से काफी देरी हुई थी।

लेकिन अब हालात पटरी पर हैं। पांच साल के लंबे इंतजार के बाद, पहला इंजन 25 मार्च 2025 को HAL के इंजन डिवीजन में एक समारोह के साथ सौंपा गया था। इसके बाद जुलाई, अगस्त और अक्टूबर के अंत में लगातार इंजन आते रहे। हर इंजन को एयरफ्रेम में फिट करने से पहले कड़े कस्टम इंस्पेक्शन, क्वालिटी चेक और इंटीग्रेशन ट्रायल्स से गुजरना पड़ता है।

अमेरिका से स्पेशल एयर कार्गो के जरिए आ रहा यह पांचवां इंजन तकनीकी रूप से काफी उन्नत है। यह F404 फैमिली का अपग्रेडेड वर्जन है, जो आफ्टरबर्नर के साथ 84-85 किलोन्यूटन (kN) का जबरदस्त थ्रस्ट पैदा करता है।

इसमें सिंगल-क्रिस्टल टर्बाइन ब्लेड्स, हाई-फ्लो फैन और फुल-ऑथोरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल (FADEC) सिस्टम लगा है। ये खूबियां इसे भारत की सीमाओं पर, चाहे वह रेगिस्तान की गर्मी हो या हिमालय की ऊंचाई, बेहतरीन प्रदर्शन करने में सक्षम बनाती हैं।

इसकी मेंटेनेंस भी 'ऑन-कंडीशन' आधारित है और इसमें इन-फ्लाइट हेल्थ मॉनिटरिंग की सुविधा है, जिससे यह इंजन लंबे समय तक बिना किसी बड़ी खराबी के काम कर सकता है।

अगस्त 2025 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ के बीच हुई मुलाकात ने इंजन डिलीवरी की प्रक्रिया को तेज करने में अहम भूमिका निभाई। GE ने वादा किया है कि वह 2026 से सालाना 20 इंजन देगा, जो 2027 तक बढ़कर 24 भी हो सकते हैं।

इंजनों की यह सप्लाई HAL के उस लक्ष्य को पूरा करेगी जिसमें हर साल 16 से 24 जेट बनाने की योजना है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पुराने हो चुके मिग-21 बाइसन बेड़े को रिटायर किया जा रहा है और वायु सेना अपनी स्क्वाड्रन संख्या को 2035 तक 31 से बढ़ाकर 42 करना चाहती है।

तेजस Mk1A पुराने वर्जन के मुकाबले 40 बड़े अपग्रेड्स के साथ आता है, जिसमें DRDO का इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और हवा में ईंधन भरने की क्षमता शामिल है।

GE की सप्लाई चेन में आया यह सुधार भविष्य के प्रोजेक्ट्स के लिए भी शुभ संकेत है। हाल ही में 7 नवंबर 2025 को 113 इंजनों के लिए 1.08 बिलियन डॉलर की एक और डील साइन की गई है।

इसके अलावा, जून 2023 में हुए समझौते के तहत ज्यादा शक्तिशाली F414-INS6 इंजन (98 kN क्लास) की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी काम चल रहा है। यह इंजन भविष्य के तेजस Mk2 और AMCA फाइटर जेट्स को ताकत देगा, जिससे 2030 तक विदेशी निर्भरता काफी कम हो जाएगी।

फिलहाल, HAL की नासिक और बेंगलुरु टीम आने वाले इस इंजन को पांचवें प्रोडक्शन एयरफ्रेम के साथ जोड़ने के लिए जनवरी तक पूरी तरह तैयार है।
 
अन्य भाषा में पढ़ें
अंग्रेजी

Forum statistics

Threads
6
Messages
6
Members
7
Latest member
PTI
Back
Top