भारत के नए 'फ्यूचर रेडी' टैंक निर्माण में होंगी दो देसी कंपनियां शामिल, 2030 से सेना में होंगे तैनात

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भारतीय सेना को जल्द ही एक नया और आधुनिक टैंक मिलने वाला है! रक्षा मंत्रालय ने 'फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल' (FRCV) प्रोग्राम को हरी झंडी दे दी है। इसका मतलब है कि पुराने हो चुके रूसी टी-72 टैंकों की जगह अब नए ज़माने के, देश में ही बने टैंक लेंगे। ये टैंक 2030 से सेना में शामिल होने लगेंगे।

खास बात ये है कि ये टैंक 'मेक इन इंडिया' के तहत बनेंगे! इसके लिए एक अनोखे तरीके 'डेवलपमेंट कम प्रोडक्शन पार्टनर' (DcPP) का इस्तेमाल होगा। सरकार इस प्रोजेक्ट के डिजाइन और डेवलपमेंट में 90% तक की आर्थिक मदद करेगी। इसके लिए एक सरकारी और एक प्राइवेट कंपनी को चुना जाएगा। दोनों कंपनियां अपने-अपने डिजाइन के आधार पर टैंक के प्रोटोटाइप बनाएंगी।

3 साल के ट्रायल के बाद, बेहतर डिजाइन वाले टैंक को चुना जाएगा। मज़ेदार बात ये है कि दोनों कंपनियों को ऑर्डर मिलेंगे, लेकिन ज़्यादा ऑर्डर (60%) उस कंपनी को मिलेगा जिसका डिजाइन चुना जाएगा।

ये टैंक तीन चरणों में बनेंगे। हर चरण में 550-590 टैंक बनाए जाएंगे और हर नए बैच में पिछले वाले से बेहतर तकनीक का इस्तेमाल होगा। यानी भारतीय सेना के पास हमेशा नए ज़माने की तकनीक से लैस टैंक रहेंगे।

इस प्रोजेक्ट में देश की कई बड़ी कंपनियां हिस्सा लेने की तैयारी में हैं। सभी डिजाइनों की बारीकी से जांच होगी और फिर एक डिजाइन को चुनकर DcPP कंपनियों का ऐलान होगा।

इन टैंकों में डीआरडीओ का 1500 एचपी वाला दमदार इंजन लगेगा। साथ ही, कई दूसरी आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल होगा। DRDO भी अपने डिजाइन को इस प्रतियोगिता में शामिल कर सकता है।

अब आगे क्या होगा? रक्षा मंत्रालय जल्द ही एक 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट' (EOI) जारी करेगा, उसके बाद एक 'रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल' (RFP) आएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 18 महीने लगेंगे। इसके बाद सभी प्रस्तावों की समीक्षा होगी और फिर विजेता डिजाइन का ऐलान होगा।

फिर दोनों DcPP कंपनियां चुने हुए डिजाइन के आधार पर टैंक के प्रोटोटाइप बनाएंगी। हो सकता है कि दोनों कंपनियां टैंक के अंदर के कुछ हिस्सों में थोड़ा-बहुत बदलाव करें। इन प्रोटोटाइप का 3 साल तक कड़ी परीक्षण होगा। इसके बाद जो डिजाइन सबसे बेहतर साबित होगा, उसे चुना जाएगा और फिर दोनों कंपनियां मिलकर बड़े पैमाने पर टैंक बनाएंगी।

कुल मिलाकर, ये प्रोजेक्ट भारतीय सेना के लिए एक बड़ा कदम है और 'मेक इन इंडिया' को भी मज़बूती देगा!
 
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