भारत की अग्रणी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अपने भविष्य के ट्रेनर विमान HLFT-42 (हिंदुस्तान लीड-इन फाइटर ट्रेनर - 42) का एक नया और बेहद शक्तिशाली कॉन्सेप्ट जारी किया है।
जारी की गई तस्वीरों में यह विमान 10 बियॉन्ड विज़ुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलों (BVR-AAM) और 2 क्लोज कॉम्बैट मिसाइलों (CCM) जैसे खतरनाक हथियारों के साथ नज़र आ रहा है।
यह विमान एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।
क्या है HLFT-42 की खासियत?
HLFT-42 को अगली पीढ़ी का एक सुपरसोनिक ट्रेनर विमान बनाया गया है, जिसे न केवल पायलटों को एडवांस ट्रेनिंग देने, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर एक पूर्ण लड़ाकू विमान के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।इसमें कुल 11 हार्डपॉइंट्स (हथियार लगाने की जगह) हैं, जिनमें छह पंखों के नीचे, दो पंखों के सिरों पर और तीन फ्यूज़लेज (विमान का मुख्य हिस्सा) के नीचे दिए गए हैं।
यह विमान 5,000 किलोग्राम तक के हथियार और अन्य पेलोड ले जाने में सक्षम होगा।
क्यों है इसकी ज़रूरत?
इस विमान का कॉन्सेप्ट 2017 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय वायु सेना के पायलटों के लिए बेसिक ट्रेनर विमानों और तेजस Mk2 और भविष्य के AMCA जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों के बीच की खाई को पाटना है।यह विमान वायु सेना में पुराने पड़ रहे ट्रेनर विमानों की जगह लेगा और साथ ही कम लागत वाले एक लड़ाकू प्लेटफॉर्म के रूप में भी काम करेगा।
इस विमान का डिज़ाइन पहली बार एयरो इंडिया 2023 में दुनिया के सामने रखा गया था, जहाँ इसके शानदार एयरोडायनामिक्स और आधुनिक तकनीक ने सबका ध्यान खींचा था।
आधुनिक तकनीक और दोहरी भूमिका
HLFT-42 को आधुनिक एवियोनिक्स, डिजिटल कॉकपिट और एडवांस एयरोडायनामिक्स के साथ डिज़ाइन किया गया है, ताकि यह तेजस Mk2 और AMCA जैसे विमानों की जरूरतों के साथ तालमेल बिठा सके।एक लीड-इन फाइटर ट्रेनर के रूप में, यह विमान पायलटों को पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर की जटिलताओं के लिए तैयार करेगा।
इसमें सेंसर फ्यूजन और नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर जैसी तकनीकों के साथ नकली युद्ध जैसे हालात बनाकर ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी दोहरी भूमिका निभाने की क्षमता है। यह ट्रेनिंग के साथ-साथ हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार करने वाले मिशनों को भी अंजाम दे सकता है। यह इसे एक हल्का मल्टी-रोल फाइटर बनाता है, जो कम तीव्रता वाले संघर्षों में मुख्य लड़ाकू विमानों की मदद कर सकता है।
भारत के रक्षा निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
HLFT-42 में निर्यात की भी अपार संभावनाएं हैं। इसकी एडवांस ट्रेनिंग क्षमताएं, लड़ाकू भूमिका और प्रतिस्पर्धी कीमत इसे उन अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए आकर्षक बना सकती है जो एक किफायती ट्रेनर-फाइटर प्लेटफॉर्म की तलाश में हैं।भारत के रक्षा निर्यात में पिछले कुछ वर्षों में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है और इस विमान का सफल विकास और उत्पादन भारत को वैश्विक एयरोस्पेस बाज़ार में एक बड़े और विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है।
फिलहाल, HLFT-42 अभी डिज़ाइन और विकास के चरण में है, लेकिन हाल में जारी हुईं तस्वीरें इस प्रोजेक्ट में हो रही महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत हैं। अगला कदम प्रोटोटाइप का विकास, उड़ान परीक्षण और अंततः उत्पादन होगा, जिसमें HAL, भारतीय वायु सेना और अन्य एजेंसियां मिलकर काम करेंगी।
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