AMCA प्रोटोटाइप का काम तेज़ी पर, साथ ही चल रहे विंड टनल टेस्ट इसकी स्टील्थ और एयरोडायनामिक्स को और निखारेंगे, 2029 तक पहली उड़ान

AMCA प्रोटोटाइप का काम तेज़ी पर, साथ ही चल रहे विंड टनल टेस्ट इसकी स्टील्थ और एयरोडायनामिक्स को और निखारेंगे, 2029 तक पहली उड़ान


भारत के सबसे महत्वाकांक्षी रक्षा प्रोजेक्ट, पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के विकास में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने इस फाइटर जेट के विशेष 'विंड टनल मॉडल्स' और 'स्ट्रक्चरल टेस्ट बॉक्स' बनाने के लिए एक टेंडर जारी किया है।

यह कदम विमान के डिज़ाइन को अंतिम रूप देने और 2029 में होने वाली इसकी पहली उड़ान को सफल बनाने के लिए बेहद ज़रूरी है।

यह टेस्टिंग प्रक्रिया विमान के 'क्रिटिकल डिज़ाइन रिव्यु' (CDR) और प्रोटोटाइप निर्माण के साथ-साथ चलेगी।

सूत्रों का कहना है कि यह विकास प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा है और इससे प्रोजेक्ट में कोई देरी नहीं होगी।

इसका मुख्य उद्देश्य विमान के डिज़ाइन को हर तरह की परिस्थिति के लिए परखना और बेहतर बनाना है।

क्या है विंड टनल टेस्टिंग का मकसद?​

AMCA प्रोग्राम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस व्यापक विंड टनल टेस्टिंग का लक्ष्य विमान की एयरोडायनामिक्स यानी हवा में इसकी स्थिरता और गति, इसके कंट्रोल सर्फेस (पंख और अन्य हिस्से) की कार्यकुशलता, और सबसे महत्वपूर्ण, इसकी स्टील्थ यानी रडार से छिपे रहने की क्षमता को प्रमाणित करना है।

इन मॉडल्स को सबसोनिक (ध्वनि से धीमी), ट्रांसोनिक (ध्वनि की गति के बराबर), और सुपरसोनिक (ध्वनि से तेज़) गति पर परखा जाएगा ताकि पहली उड़ान से पहले विमान का फाइनल कॉन्फ़िगरेशन हर तरह से सटीक हो।

ADA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "विंड टनल मॉडल्स के लिए यह टेंडर एक सामान्य प्रक्रिया है जो डिज़ाइन को जांचने और सुधारने के लिए अपनाई जाती है। जैसा कि प्लान किया गया है, यह टेस्टिंग प्रोटोटाइप के निर्माण के साथ-साथ चलेगी, इसलिए इससे विमान के रोलआउट या पहली उड़ान में कोई देरी नहीं होगी।"

अत्याधुनिक तकनीक से बनेंगे मॉडल​

टेंडर के अनुसार, AMCA के ये स्केल मॉडल बहुत ही सटीकता से बनाए जाएंगे और इनमें कई तरह के उपकरण लगे होंगे।

इनमें सतह पर हवा के दबाव को मापने के लिए 'सरफेस प्रेशर टैप्स', विमान पर लगने वाले बलों को मापने के लिए 'फ़ोर्स बैलेंस', और रडार की पकड़ से बचने की क्षमता को जांचने के लिए 'रडार क्रॉस-सेक्शन' टेस्टिंग फ़ीचर शामिल होंगे।

इसके अलावा, 'स्ट्रक्चरल टेस्ट बॉक्स' का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाएगा कि तेज गति से मुड़ने और हथियार ले जाने के दौरान विमान का आंतरिक ढाँचा कितना मज़बूत है।

भारत का भविष्य का लड़ाकू विमान​

AMCA, जिसे DRDO के तहत ADA द्वारा विकसित किया जा रहा है, भारत का अब तक का सबसे उन्नत फाइटर जेट प्रोग्राम है। यह पांचवीं पीढ़ी का मल्टीरोल स्टील्थ फाइटर होगा, जो दुश्मन के रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आएगा।

इसकी ख़ासियतों में हथियारों के लिए इंटरनल बे (अंदरूनी हिस्से में जगह), डायवर्टरलेस सुपरसोनिक इनलेट्स (DSI), सर्पेंटाइन एयर इन्टेक्स, एडवांस्ड एवियोनिक्स, और रडार की तरंगों को सोखने वाले रडार-एब्जॉर्बेंट मैटेरियल्स (RAM) शामिल हैं।

इस प्रोजेक्ट का पहला प्रोटोटाइप 2028 के अंत तक तैयार होने और 2029 में पहली उड़ान भरने का लक्ष्य है।

डिज़ाइन को सभी तकनीकी स्वीकृतियां मिलने के बाद, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर इसका उत्पादन करेगा।

यह विमान भारतीय वायु सेना के पुराने हो रहे जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 बेड़े की जगह लेगा, जिससे वायु सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
 
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